पेट्रोलियम से निकला डीज़ल (जो पेट्रोडीजद्यल कहलाता है) शुद्ध उत्पाद (150 सें0 और 350 सें0) का मिश्रण होता है, जिसमें विभिन्न मात्रा में चयनित क्रैकेड डिस्टीलेट होते हैं और यह सेचुरेटिड हाइड्रोकार्बन (प्राथमिक पराफिन - एन, ईसो और साइक्लोपराफिन) तथा सुगंधित हाइड्रोकार्बन (नेफ्थालीन और एल्काइल बैंज़ीन) से बना होता है।
डीज़ल का प्रयोग डीज़ल इंजनों में होता है जो एक तरह के आंतरिक दहन इंजन होते हैं। रुडोल्फ डीज़ल ने डीज़ल इंजन का डिजाइन मूल रूप से कोयले की राख का ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया था, लेकिन ऑयल अधिक कारगर साबित हुआ। डीजल इंजनों का प्रयोग कारों, मोटर साइकिलों, नौकाओं और इंजनों में होता है। ऑटोमोटिव डीज़ल ईंधन का प्रयोग रेलों, बसों, ट्रकों और वाहनों; निर्माण कार्यो; पेंट्रोलियम ड्रिलिंग तथा सड़क से भिन्न अन्य उपकरणों को चलाने के लिए किया जाता है तथा यह व्यापक बिजली उत्पादन और पंपिंग अनुप्रयोगों में प्राथमिक घटक होता है। डीजल इंजन अत्यधिक संपीडन, स्वत: दाहक इंजन होता है। ईंधन उच्च संपीडन की गर्मी से प्रज्जवलित हो जाता है और इसमें किसी स्पार्क प्लग का इस्तेमाल नहीं होता।
भारतीय मानकों के अनुसार डीज़ल ईंधन की विशेषताएं आईएस 1460:2005 (5वां रेव) है। इसकी महत्वपूर्ण विशेषताओं में प्रज्जवलन विशेषताएं, कम तापमान पर रखरखाव और फ्लेश प्वाइंट शामिल है।
डीज़ल ईंधन में प्राय: सल्फर की मात्रा अधिक होती है। भारत में उत्सर्जन मानकों (यूरो--II, यूरो-III, यूरो-IV के समकक्ष) ने तेल रिफाइनरियों को भारत सरकार द्वारा लागू ऑटो ईंधन नीति को देखते हुए डीजल में सल्फर के स्तर को काफी अधिक घटाने के लिए बाध्य किया है।
बीआईएस ने ''5% बॉयोडीजल सहित डीज़ल" की विशिष्टि तैयार की है जिसका निकट भविष्य में विपणन किया जाएगा।

इंडियनऑयल का एक्सट्रामाइल सुपर डीजल, जो ब्रांडेड डीज़ल खण्ड में उत्कृष्ट है, को विश्व स्तरीय 'बहु-कार्यात्मक ईंधन योगज (एमएफए)' के साथ मिलाया जाता है। वाणिज्यिक वाहनों के मालिक एकस्ट्रामाइल चुनते हैं क्योंकि उन्हें बेहतर मील-दूरी, रखरखाव की कम लागत और उन्नत इंजन सुरक्षा का फायदा साफ दिखाई देता है। डीज़ल ऑटोमोबाइल रखने वाले बड़ी संख्या के ग्राहक चाहे 'जीवनशैली' के हों या 'यात्री' वर्ग के, दोनों ईंधन के रूप में अधिक और बेहतर कार्य-निष्पादन के लिए एक्सट्रामाइल को ही तरजीह देते हैं। एक्सट्रामाइल से अधिक मील-दूरी वाले वाणिज्यिक वाहनों को भारी बचत हुई है। देश के कोने-कोने में जाने वाले बड़ी संख्या में ट्रक न केवल अधिक मील-दूरी प्राप्त करने बल्कि कम रखरखाव लागत के लिए भी एक्सट्रामाइल का प्रयोग कर रहे हैं।
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